नेचुरल लैब सर्टिफाइड रुद्राक्ष
१ से २१ मुखी रुद्राक्ष की जानकारी। लैब सर्टिफाइड उच्चतम क्वालिटी के रुद्राक्ष। होलसेल भाव में उपलब्ध हैं।
1 मुखी रुद्राक्ष
- एक मुखी रुद्राक्ष को साक्षात शिव का स्वरूप माना गया है। एक मुखी का स्वामी सूर्य देव है। एक मुखी रुद्राक्ष
- धारण करने का मंत्र – ॐ नमः शिवाय, ॐ ह्रीं नमः
- इस मंत्र का 108 बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
2 मुखी रुद्राक्ष
- दो मुखी रुद्राक्ष को शिव-पार्वती यानी अर्धनारीश्वर का प्रतीक है। दो मुखी रुद्राक्ष का स्वामी चंद्र ग्रह है।
- दो मुखी रुद्राक्ष का ईष्ट देव भगवान शिव है।
- दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
3 मुखी रुद्राक्ष
- तीन मुखी रुद्राक्ष त्रिदेव बह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है।
- तीन मुखी रुद्राक्ष को अग्नि देव का स्वरूप माना जाता है।
- तीन मुखी रुद्राक्ष का स्वामी मंगल ग्रह है।
- तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ क्लीं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
4 मुखी रुद्राक्ष
- चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा और सरस्वती का प्रतीक है।
- चार मुखी रुद्राक्ष का स्वामी बुद्ध ग्रह है।
- चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ ह्रीं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
5 मुखी रुद्राक्ष
- पंच मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के रूद्ररूप का प्रतीक है।
- पंच मुखी रुद्राक्ष का स्वामी बृहस्पति ग्रह है।
- पंच मुखी रुद्राक्ष का ईष्ट देव कालाग्नि रुद्र है।
- पंच मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ ह्रीं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
6 मुखी रुद्राक्ष
- छे मुखी रुद्राक्ष स्वामिकार्तिक का प्रतीक है।
- छे मुखी रुद्राक्ष का स्वामी शुक्र ग्रह है।
- छे मुखी रुद्राक्ष का ईष्ट देव भगवान कार्तिकेय है।
- छे मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ ह्रीं हुं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
7 मुखी रुद्राक्ष
- सात मुखी रुद्राक्ष महालक्ष्मी का प्रतीक है।
- सात मुखी रुद्राक्ष का स्वामी शनि ग्रह है।
- सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ हुं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
8 मुखी रुद्राक्ष
- आठ मुखी रुद्राक्ष काल भैरव, अष्ट विनायक, आठ दिशाओं और आठ सिद्धियों का नेतृत्व करता है।
- आठ मुखी रुद्राक्ष काल सर्प दोष के प्रतिकूल प्रभाव को नियंत्रित करता है।
- आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ हुं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
9 मुखी रुद्राक्ष
- नौ मुखी रुद्राक्ष माँ नवदुर्गा का स्वरुप है।
- नौ मुखी रुद्राक्ष माँ भगवती की नौ शक्तियों का प्रतीक माना गया है।
- नौ मुखी रुद्राक्ष राहु के दुष्प्रभाव को दूर करता है।
- नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः, ॐ ह्रीं हुं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
10 मुखी रुद्राक्ष
- दस मुखी रुद्राक्ष विष्णु का रूप है। दस मुखी रुद्राक्ष भगवन विष्णु के दस अवतार का स्वरुप माना गया है।
- दस मुखी रुद्राक्ष देवी दुर्गा के दस महाविद्या का रूप माना गया है।
- दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ नमो भवाते वासुदेवाय, ॐ ह्रीं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
11 मुखी रुद्राक्ष
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष हनुमान के एकादश रूप का स्वरुप है।
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी मंगल ग्रह है।
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव के ग्यारह रूप का प्रतीक है।
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – तत्पुरुषाय विदमहे महादेवय धीमही तन्नो रुद्रः प्रचोदयात, ॐ ह्रीं हुं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
12 मुखी रुद्राक्ष
- बारह मुखी रुद्राक्ष द्वादश आदित्य का रूप है।
- बारह मुखी रुद्राक्ष सूर्य देव द्वारा शासित होता है
- बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ सूर्याय नम:, ॐ क्रौं क्ष्रौं रौं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
13 मुखी रुद्राक्ष
- तेरह मुखी रुद्राक्ष विष्णु का विश्वरूप है, जो सौभाग्य देता हैं।
- तेरह मुखी रुद्राक्ष देवता के ईष्ट देव इंद्र देव है।
- तेरह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी शुक्र ग्रह है।
- तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ ह्रीं नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
14 मुखी रुद्राक्ष
- चौदह मुखी रुद्राक्ष शिव का स्वरुप हैं।
- चौदह मुखी रुद्राक्ष को शनि की साढ़े साती, महादशा, शनि पीड़ा से मुक्ति हेतु धारण करना चाहिए।
- चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से समस्त पापों का नाश होता है।
- चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
15 मुखी रुद्राक्ष
- पंद्रह मुखी रुद्राक्ष पशुपतिनाथ का स्वरुप हैं।
- पंद्रह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह मंगल ग्रह हैं।
- पंद्रह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ पशुपत्यै नमः।
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
16 मुखी रुद्राक्ष
- सोलह मुखी रुद्राक्ष भगवान राम का स्वरुप हैं।
- सोलह मुखी रुद्राक्ष ईष्ट देव महामत्युंजय शिव हैं।
- सोलह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह चंद्रमा ग्रह हैं।
- सोलह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धन्म। उर्वारुकमिव बन्धनामृत्येर्मुक्षीय मामृतात्
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
17 मुखी रुद्राक्ष
- सत्रह मुखी रुद्राक्ष विश्वकर्मा का स्वरुप हैं।
- सत्रह मुखी रुद्राक्ष ईष्ट देव कात्यायनी देवी हैं।
- सत्रह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह शनि हैं।
- सत्रह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ विश्वकर्मणे नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
18 मुखी रुद्राक्ष
- अठारह मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के भैरव रूप का स्वरुप हैं।
- अठारह मुखी रुद्राक्ष ईष्ट देव भूमि देवी हैं।
- अठारह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह मंगल हैं।
- भूमि संबंधित कार्यों से जुड़े लोगों के लिए शुभ माना गया है। अठारह मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति में धैर्य, सहनशक्ति और सहनशीलता को विकसित कराता है।
- अठारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ ह्रीं श्रीम वसुधाये स्वः, ॐ ह्रीं हूँ एकतत्व रुपए हूँ ह्रीं ॐ
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
19 मुखी रुद्राक्ष
- उन्नीस मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के भैरव रूप का स्वरुप हैं।
- उन्नीस मुखी रुद्राक्ष ईष्ट देव भगवान विष्णु हैं।
- उन्नीस मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह बुध हैं।
- उन्नीस मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ वं विषणवे क्षीरशयने स्वाहा:, ॐ नमो भवाते वासुदेवाय।
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
20 मुखी रुद्राक्ष
- बीस मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के भैरव रूप का स्वरुप हैं।
- बीस मुखी रुद्राक्ष ईष्ट देव ब्रह्म देव हैं।
- बीस मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं।
- बीस मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ ज्ञां ज्ञीं लं अं ऐं श्रीं, ॐ सच्चिदेकं ब्रह्म
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
21 मुखी रुद्राक्ष
- इक्कीस मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के भैरव रूप का स्वरुप हैं।
- इक्कीस मुखी रुद्राक्ष ईष्ट देव कुबेर देव हैं।
- इक्कीस मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह शुक्र हैं।
- इक्कीस मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ ह्रीं श्रीं वसुदाय नमः, ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
नेचुरल लैब सर्टिफाइड रुद्राक्ष
रुद्राक्ष की जानकारी। लैब सर्टिफाइड उच्चतम क्वालिटी के रुद्राक्ष। होलसेल भाव में उपलब्ध हैं।
गणेश रुद्राक्ष
- गणेश रुद्राक्ष इस रुद्राक्ष पर सुंड के समान एक उभार भी होता है
- गणेश जी बुद्धि और विद्या के स्वामी है, और गणेश और माता सरस्वती को विद्या कारक माना गया है।
- गणेश मुखी रुद्राक्ष बुध ग्रह को मजबूत करता है।
- गणेश मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह मंगल हैं।
- गणेश मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र –ॐ गणेशाय नमः, ॐ हुम नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए
गौरी-शंकर रुद्राक्ष
- गौरी शंकर मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के भैरव रूप का स्वरुप हैं।
- गौरी शंकर मुखी रुद्राक्ष ईष्ट देव भगवान शिव और मां पार्वती हैं।
- गौरी शंकर मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह शुक्र हैं।
- गौरी शंकर मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शिव और शक्ति दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
- गौरी शंकर मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ नमः दुर्गाए, ॐ अर्ध्नारिश्वराए नमः
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
गर्भ-गौरी रुद्राक्ष
- गर्भ गौरी मुखी रुद्राक्ष माता गौरी और भगवान गणेश का स्वरुप हैं।
- गर्भ गौरी मुखी रुद्राक्ष ईष्ट देव भूमि देवी हैं।
- स्त्री मातृ सुख या संतान सुख की प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष जरूर धारण कर सकते है।
- गर्भ गौरी मुखी रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ गणेशाय नमः, ॐ नमः शिवाय
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
सर्प रुद्राक्ष
- रुद्राक्ष पर सर्प पर फन की भांति एक आकार सा बना होता है इस कारण इस रुद्राक्ष को सर्प या नागफनी रुद्राक्ष कहते है।
- यह रुद्राक्ष काल सर्प दोष के बुरे प्रभावों से बचाव के लिए धारण किया जाता है, इसके साथ ही साथ अन्य सर्प दोषों को दूर करने में भी यह रुद्राक्ष बहुत लाभदायक होता है।
- सर्प रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – ॐ भुजन्गेशाये विद्महे, सर्प्रजय धिमही, तन्नो नागः प्रचोदयात।
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
त्रिजुटी रुद्राक्ष
- त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्वरुप हैं। यह रुद्राक्ष त्रिमूर्ति का स्वरूप माना जाता है
- त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष में एक, चौदह और गौरी शंकर रुद्राक्ष के गुण समाए होते हैं। इसे धारण करने से त्रिदेवों कि कृपा प्राप्त होती है।
- त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – महामृत्यंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
- इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
रत्न सभी के लिए
वर्ष 2014 में हमने 1.25 लाख रुद्राक्ष का शिवलिंग बनाया और भक्तों को नि:शुल्क वितरित किये।
स्थान: कल्याणेश्वर मंदिर, महल, नागपुर, महाराष्ट्र, भारत – 440002.
फोटो मुख्य: ज्ञानचंद जानकीलाल बुंदिवाल – जेमोलॉजिस्ट, ज्योतिष
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