माणिक – सिंह लग्न
माणिक सब रत्नों का राजा माना गया है। इसके बारे में एक धारणा यह है कि माणिक की दलाली में हीरे मिलते हैं। कहने का मतलब यह रत्न अनमोल है।यह रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे सूर्य के…
माणिक सब रत्नों का राजा माना गया है। इसके बारे में एक धारणा यह है कि माणिक की दलाली में हीरे मिलते हैं। कहने का मतलब यह रत्न अनमोल है।यह रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे सूर्य के…
मेष लग्न मेष लग्न के जातक को मूंगा व माणिक्य व पुखराज धारण करना उचित रहेगा क्योंकि लग्नेश मंगल है, पंचमेश सूर्य व नवमेश गुरु हैं।इन्हें धारण करने से जातक के व्यक्तित्व, विद्या, संतान, यश, आयु, भाग्य का विकास हो…
पुखराज रत्न पहनने के लिए लग्न और प्रत्येक भाव में बैठे ग्रहों की स्थितियों के अनुसार, प्रत्येक स्तिथि से रत्न की सबलता एवं अनुकूलता का विचार करके ही पहनना चाहिए। मनीषी जनों ने अपनी सूक्ष्म विवेचना द्वारा प्रत्येक रत्न का,…
टाइगर स्टोन निम्रलिखित परिस्थितियों में भी लाभदायक है। जन्मकुंडली में यदि किसी घर के शुभ फल आपको प्राप्त नहीं हो रहे हैं या यदि कोई ग्रह सोया हुआ है तो उस ग्रह के स्वामी ग्रह को जगाना अनिवार्य होता है,…
लाल रंग के मूंगा रत्न (Red Coral) को मंगल ग्रह का रत्न माना जाता है। ज्योतिषी मानते हैं कि इसे धारण करने से मंगल ग्रह की पीड़ा शांत होती है। इस रत्न को भौम रत्न, पोला, मिरजान, लता मणि, कोरल,…
मंगल का रत्न मूंगा है. मूंगा रत्न के विषय में यह कहा जाता है. इसे धारण करने पर व्यक्ति को अपने शत्रुओं को परास्त करने में सहयोग प्राप्त होता है. मूंगे को संस्कृ्त में प्रवाल, हिंदी में मूंगा, मराठी में…
लग्न के अनुसार पुखराज रत्न धारण करना चाहिए तो चलिए जानते हैं पुखराज कैसे और यह किन-किन लग्नो में धारण किया जा सकता है मेष लग्न मेष लग्न की कुण्डली में बृहस्पति ग्रह व्यय भाव का स्वामी होता है; किन्तु…
बुद्ध का प्रतिनिधित्व करता है। उच्च कोटि का पन्ना जाम्बिया तथा स्कॉट्लैंड की खानों से निकला जाता है ! इसका रंग हलके तोतिये से लेकर गाड़े हरे रंग तक हो सकता है ! असली पन्ने में काले रंग के हलके…
शनि ग्रह के बुरे प्रभाव और पीड़ा शांत करने के लिए नीलम या नीला पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है। नीलम को हीरे के बाद दूसरा सबसे सुंदर रत्न माना जाता है। इसे नीलमणि, सेफायर, इंद्र नीलमणि, याकूत,…
यह एक अत्तयंत प्रभावशाली रत्न होता है कहते है की यदि नीलम किसी भी व्यक्ति को रास आ जाए तो वारे न्यारे कर देता है , लेकिन आखिर इस तथ्य की पीछे क्या सिद्धांत है। क्या वाक्य में नीलम धारण…
मोती अलग-अलग प्रकार के पाए जाते हैं:–मोती, साउथ सी मोती, कैसी मोती, या बसरा मोती, मुक्ता, मोक्तिम, इंदुरत्न, आदि कई नामों से जाना जाता है। मोती रत्न के स्वामी चन्द्र है. इस रत्न को अपने लग्न अनुसार धारण किया जाये…
यदि जन्म कुण्डली या वर्ष में राहु अषुभ हो तो शांति के लिए राहु के बीजमंत्र का 18000 की संख्या में जप करें। राहु का बीज मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः राहु के निमित्त दान वस्तुएं- सप्तधान्य,…
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