मोती
नवरत्नों में स्थित मोती रत्न स्वमं में एक अत्यंत प्रतिष्ठित रत्न है एवं यह चन्द्रमा ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। जातक की जन्म कुंडली में चन्द्रमा ग्रह यदि निष्प्रभावी है तो उसकी शक्ति में वृद्धि उत्पन्न करने हेतु मोती रत्न…
नवरत्नों में स्थित मोती रत्न स्वमं में एक अत्यंत प्रतिष्ठित रत्न है एवं यह चन्द्रमा ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। जातक की जन्म कुंडली में चन्द्रमा ग्रह यदि निष्प्रभावी है तो उसकी शक्ति में वृद्धि उत्पन्न करने हेतु मोती रत्न…
मोती को अंग्रजी में पर्ल कहते हैं। यह चंद्रमा का रत्न है इसलिए इसे चंद्रमा संबंधी दोषों के निवारण के लिए पहनते हैं। प्राचीनकाल से ही मोती का उपयोग विभिन्न प्रयोजनों में किया जाता होगा इसलिए इसका वर्णन ऋगवेद में भी मिलता…
रत्न पहनने के लिए दशा-महादशाओं का अध्ययन भी जरूरी है। केंद्र या त्रिकोण के स्वामी की ग्रह महादशा में उस ग्रह का रत्न पहनने से अधिक लाभ मिलता है। जन्म कुंडली में त्रिकोण सदैव शुभ होता है इसलिए लग्नेश, पंचमेश…
मूंगा रत्न 12 लग्न में से किस को पहनने से लाभ मिलता है और किस लग्न में पहनने से हानि होती है रत्न पहनने के लिए दशा-महादशाओं का अध्ययन भी जरूरी है। केंद्र या त्रिकोण के स्वामी की ग्रह महादशा में…
मीन लग्न मैं बृहस्पति लग्नेश व दशमेश व्यापार स्थान का स्वामी होने के कारण बृहस्पति अत्यंत शुभ माना गया है जातक को गुरु का रत्न पुखराज मान प्रतिष्ठा व्यापार में लाभ या उच्च शिक्षा प्राप्त होती है। लग्नेश व दशमेश…
माणिक्य (रूबी) को बेहद मूल्यवान रत्न माना जाता है। इसे चुन्नी और लालडी भी कहा जाता है। माणिक्य का रंग लाल होता है। इसे धारण करने से सूर्य की पीड़ा शांत होती है। माणिक्य को अंग्रेज़ी में ‘रूबी’ कहते हैं।…
रत्न पहनने के लिए लग्न और प्रत्येक भाव में बैठे ग्रहों की स्थितियों के अनुसार, प्रत्येक स्तिथि से रत्न की सबलता एवं अनुकूलता का विचार करके ही पहनना चाहिए। मनीषी जनों ने अपनी सूक्ष्म विवेचना द्वारा प्रत्येक रत्न का, लग्न…
माणिक सब रत्नों का राजा माना गया है। इसके बारे में एक धारणा यह है कि माणिक की दलाली में हीरे मिलते हैं। कहने का मतलब यह रत्न अनमोल है।यह रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे सूर्य के…
मेष लग्न मेष लग्न के जातक को मूंगा व माणिक्य व पुखराज धारण करना उचित रहेगा क्योंकि लग्नेश मंगल है, पंचमेश सूर्य व नवमेश गुरु हैं।इन्हें धारण करने से जातक के व्यक्तित्व, विद्या, संतान, यश, आयु, भाग्य का विकास हो…
पुखराज रत्न पहनने के लिए लग्न और प्रत्येक भाव में बैठे ग्रहों की स्थितियों के अनुसार, प्रत्येक स्तिथि से रत्न की सबलता एवं अनुकूलता का विचार करके ही पहनना चाहिए। मनीषी जनों ने अपनी सूक्ष्म विवेचना द्वारा प्रत्येक रत्न का,…
धनु लग्न के जातक को बृहस्पति लग्नेश व चतुर्थ शुभ स्थान का स्वामी होने के कारण अत्यंत ही शुभ माना गया है। इसके कारण से पुखराज रत्न आप आजीवन धारण कर सकते हैं जीवन में चल शारीरिक स्वस्थ के लिए…
टाइगर स्टोन निम्रलिखित परिस्थितियों में भी लाभदायक है। जन्मकुंडली में यदि किसी घर के शुभ फल आपको प्राप्त नहीं हो रहे हैं या यदि कोई ग्रह सोया हुआ है तो उस ग्रह के स्वामी ग्रह को जगाना अनिवार्य होता है,…
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